देहरादून : विश्व विख्यात उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया है। 86 साल रतन टाटा लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दिग्गज राज नेताओं, समाजसेवियों, फिल्मी हस्तियों, पूर्व खिलाड़ियों, उद्योगपतियों, साहित्यकारों ने रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख जताया है। रतन टाटा एक दूरदर्शी उद्योगपति नेता, एक दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। वह एक सादगी से भरे नेक और दरियादिल इंसान, लोगों के लिए आदर्श और प्रेरणास्रोत भी थे। वह 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। इस दौरान उन्होंने बिजनेस सेक्टर में कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक टाटा समूह को बुलंदियों तक पहुंचाया। उन्होंने टाटा को इंटरनेशनल ब्रांड बना दिया।रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर हुआ था। उन्होंने 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद साल 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस मैनेजमेंट कार्यक्रम पूरा किया। उनके पिता नवल टाटा एक सफल उद्योगपति थे और उन्होंने टाटा समूह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वहीं, रतन टाटा की मां सोनी टाटा एक गृहिणी थीं। आज रतन टाटा के जाने से पूरे देश मे शोक की लहर है। हर कोई उन्हें अपनी तरफ से श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा है।