दून के अभिमन्यु ईश्वरन को क्यों किया जा रहा नजरअंदाज, टेस्ट टीम में द्रविड़ और पुजारा का बन सकते हैं विकल्प

अभिमन्यु ईश्वरन

 आस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर सीरीज में उन्हें मिल सकता है मौका देहरादून : अभिमन्यु ईश्वरन आज भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक बड़ा नाम बन चुका है। करीब 150 से अधिक मैचों में यह युवा क्रिकेटर 12 हजार से भी अधिक रन बना चुका है, लेकिन भारतीय क्रिकेट का प्रबंधन और चयनकर्ता लगातार इसे नजर अंदाज करते आ रहे हैं। हाल में पांच मुकाबलों में ईश्वर चार शतक ठोक चुका है। वह बंगाल के लिए खेलते हैं और कप्तानी भी करते हैं। दाएं हाथ से बल्लेबाजी और लेग स्पिन करने वाले इस हरफनमौला क्रिकेटर ने बचपन में ही बैट पकड़ लिया था। क्रिकेट में रुचि अधिक होने के कारण उनके पिता आरपी ईश्वर ने उनके नाम से देहरादून में राजपुर से लगे गुनियाल गांव में एकेडमी तैयार करवा दी। आज यह अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी इंटरनेशनल लेवल पर अंडर 19 क्रिकेट मुकाबलों के मानक पूरे करती है। जहां कई युवा क्रिकेटर तैयार हो रहे हैं। पूर्व में उत्तराखंड को बीसीसीआई की मान्यता न होने के कारण उन्हें बंगाल का रुख करना पड़ा। महज 10 साल की उम्र में अभिमन्यु देहरादून से बंगाल आ गए थे और सीनियर लेवल पर पहुंचने से पहले सभी आयु वर्ग में उन्होंने क्रिकेट खेली। पिछले कुछ सालों से वह भारत ए और रेस्ट ऑफ इंडिया के लिए भी खेल रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में भारतीय टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं, लेकिन उन्हें मैदान में उतरने का मौका नहीं दिया जा रहा है। जबकि, वह टेस्ट मैचों में पारी की शुरुआत करने से लेकर मध्यमक्रम में कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हैं। 29 साल का यह युवा क्रिकेटर भारत के लिए राहुल द्रविड़ और पुजारा का विकल्प बनकर लंबे समय तक खेल सकता है। कोच गौतम गंभीर और चयनकर्ताओं को अभिमन्यु को एक मौका जरूर देना चाहिए। उनकी वर्तमान फॉर्म को देखते हुए संभावना जताई जा रही है आस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी बॉर्डर गावस्कर सीरीज में उन्हें मौका मिल सकता है।

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